Guru Purnima 2023
गुरु पूर्णिमा 2023
पूजा गुरु की कीजिए , सब पूजा जेहि मांही ।ज्यों जल सींचे मूल तरू , शाखा पत्र अघाही।।
गुरु की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं की पूजा हो जाती है। जैसे जल से जड़ को सींचा जाता है तो हरेक शाखा और पत्ते-पत्ते स्वयं ही सींच जाते हैं अर्थात जल पाकर जीवन पा लेते हैं।
ध्यान मूलं गुरु मूर्ति पूजा मूलं गुरु पद्म ।
मंत्रमूलं गुरुवाक्यं मोक्ष मूलं गुरुकृपा।।
गुरु का ध्यान करें, गुरु के चरण-कमलों की पूजा करें, गुरु के कथन मंत्र के समान है, गुरु की कृपा से ही मोक्ष मिलता है।
गुरु समान दाता नहीं, याचक शिष्य समान ।
तीन लोक की संपदा , सो गुरु दीन्हीं दान।।
गुरु के समान कोई दाता नहीं, और शिष्य के समान याचक नहीं। गुरु योग्य शिष्य को तीनों लोकों की सम्पदा दे देते हैं।
सद्गुरु मां की जय
श्री कबीर ज्ञान मंदिर गिरिडीह
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