शिक्षा / मां की ममता / HINDI KAHANIYAN

 शिक्षा

गंगा के किनारे एक व्यक्ति रहता था। उसने एक कछुआ पाल रखा था। एक दिन एक आदमी उसकी झोपड़ी में आया और बोला, ‘यह क्या गंदा जीव पाल रखा है, इसे फेंक दो।

व्यक्ति ने कहा, ‘यह मेरे गुरु के समान है। यह जरा सी आहट होते ही अपने अंग सिकोड़ लेता है। हमेें यह शिक्षा देता है कि कोई भी बुराई आए, लोभ लालच, कामना, वासना आए तो अपने आपको सिकोड़ लो। बुराई से बचो। अपने मन को समेटकर रखो। 

उस व्यक्ति को उनकी बातें समझ में आ गई। उसने उन्हें झुककर प्रणाम किया।

मां की ममता

गैरीबाल्डी इटली के स्वतंत्रता सेनानी थे और इटली को स्वतंत्र कराया। वे कहते हैं कि उनकी मां ने उन्हें देशभक्ति का पाठ पढ़ाया। वे एक दयालु और राष्ट्रभक्त महिला थी। बचपन में मां उन्हें देशभक्ति की कथाएं सुनाया करती थी। 

वे बताते हैं कि जब भी वे तूफानी समुद्र में गोलों की वर्षा में संघर्ष करते तो लगता मेरी माता मेरी रक्षा के लिए प्रार्थना कर रही है और उनको प्रेरणा दे रही है, साहस दे रही है सत्य की रक्षा करने का। 

गैरीबाल्डी के जीवन का यह प्रसंग हमें नारीशक्ति और उनकी महान भूमिका की याद दिलाते हैं। 

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